पल ღღ
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ऐ हवाओं, जरा थम जाओ,
के आहट सुनने दो, मुझे उसके आने की।
मैं सजदे करता हूँ उसकी मुस्कुराहट के,
और फिक्र भी होने लगी है, मुझको जमाने की।
रात बीत जाती है मेरी, तारों को देख कर,
इशारे में ही कह दे अगर बात नहीं बताने की।
मुझे हक़ है, देखूँ मैं तेरे सपने,
तू भी कर कोशिश जरा मेरे नजदीक आने की।
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