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ज़िंदगी के मायने हर एक नजर मे बयान करने की कोशिश की है।
मेरी नजर मे ज़िंदगी के मायने में क्या है।
दोस्ती की, रिश्तों की इक डोर ज़िंदगी,
कभी खुशी तो कभी गम के छोर ज़िंदगी।
वो लोग जिन्होने sअपने भविष्य और पढ़ाई से अपनी मर्जी से चुना लेकिन फिर भी संतुष्ट नहीं हुये।
काश ये नहीं मैं काश वो होता,
होती शायद फिर कुछ और ज़िंदगी।
वो लोग जो कभी अपनी ज़िंदगी से बहुत खुश होते है और कभी बहुत परेशान।
कभी सब अपने, कभी अपने भी बेगाने,
कैसे कैसे दिखाती है दौर ज़िंदगी।
वो लोग जो किसी को यूं ही चाहने लगते है लेकिन उसको पा नहीं सकते।
नजरों से उसे मेरी दूर कर दिया,
जालिम है बड़ी ये चोर ज़िंदगी।
और एक रिश्ता जो जान से भी प्यारा बन जाता है, दोस्ती का रिश्ता।
दोस्तों के साथ बिताए वो सुहाने मीठे पल,
काश लौटा दे एक बार और ज़िंदगी।
और जिनका परिवार चुगलियों के कारण बिखर जाता है।
बेमतलब की बातों से क्या मिलता है,
क्यूँ करती है बेवजह ये शोर ज़िंदगी।
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